शिक्षा के दार्शनिक एवं समाजशास्त्रीय परिदृश्य
लेखक : डॉ ० आर ० ए ० शर्मा , डॉ ० शिखा चतुर्वेदी
विषय सूची
इकाई - 1 : शिक्षा का अर्थ एवं प्रकृति
1. शिक्षा का अर्थ एवं प्रकृति
1.1 शिक्षा का अर्थ , 1.2 शिक्षा एक विकास की प्रक्रिया , 1.3 शिक्षा समाजीकरण की एक प्रक्रिया , 1.4 शिक्षा की प्रकृति , 1.5 शिक्षा एक अनुशासन , 1.6 अन्तः अनुशासन आयोग , 1.7 शिक्षा के दार्शनिक आधार , 1.8 शिक्षा के समाजिक आधार , 1.9 शिक्षा के कार्य , 1.10 शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया , 1.11 भारतीय शिक्षा , 1.12 शिक्षा का वास्तविक दृष्टिकोण , 1.13 औपचारिक तथा अनौपचारिक शिक्षा , 1.14 प्रत्यक्ष तथा परोक्ष शिक्षा , 1.15 उदार तथा उपयोगी शिक्षा , 1.16 सामान्य तथा विशिष्ट शिक्षा , 1.17 वैयक्तिक तथा सामूहिक शिक्षा , 1.18 अधिगम प्रश्न
2. शिक्षा के उदेश्य
2.1 उदेश्य का अर्थ , 2.2 उदेश्यो की परिवर्तनशीलता , 2.3 काल से संबंधित शिक्षा के उदेश्य , 2.4 स्वतंत्र भारत में शिक्षा के उदेश्य , 2.5 स्थान से संबंधित शिक्षा के उदेश्य , 2.6 शिक्षा के उदेश्यो का वर्गीकरण , 2.7 अधिगम प्रश्न
3. ज्ञान का अर्थ एवं रूप
3.1 ज्ञान का अर्थ , 3.2 ज्ञान का दार्शनिक अर्थ , 3.3 ज्ञान के स्रोत , 3.4 ज्ञान संबंधित प्रमुख सिद्धांत , 3.5 अन्तर्दृषिट अथवा अन्तः प्रज्ञा , 3.6 ज्ञान प्राप्ति के साधन , 3.7 ज्ञान के रूप , 3.8 अधिगम प्रश्न
4. फिलॉसफी एवं दर्शन का अर्थ
4.1 फिलॉसफी का अर्थ एवं परिभाषा , 4.2 फिलॉसफीका अर्थ , 4.3 फिलॉसफी के प्रकार , 4.4 फिलॉसफी के कार्य , 4.5 दर्शन का अर्थ , 4.6 दर्शन की सामान्य विशेषताएँ , 4.7 दर्शनों का वर्गीकरण , 4.8 फिलॉसफी एवं दर्शन में भेंद , 4.9 अधिगम प्रश्न
इकाई - 2 : शिक्षा एवं दर्शन
5. शिक्षा - दर्शन
5.1 दर्शन एवं धर्म , 5.2 दर्शन एवं शिक्षा का संबंध , 5.3 दर्शन एवं शिक्षा के संबंध का स्वरूप , 5.4 शिक्षा - दर्शन , 5.5 शिक्षा दर्शन की परिभाषा , 5.6 शिक्षा - दर्शन की आवश्यकता , 5.7 शिक्षा - दर्शन की प्रकृति , 5.8 शिक्षा - दर्शन के कार्य , 5.9 शिक्षा - दर्शन का क्षेत्र , 5.10 शिक्षा - दर्शन का उपयोग एवं महत्व